देसी गाय के घी से 21 रोगो का इलाज -राजीव दिक्षित जी ,भारत स्वाभिमान मिशन
गाय के घी के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग श्री राजीव दिक्षित
Desi Cow Benefits in Hindi ||Cow ghee Uses ||घी खाने के फायदे ||राजीव दिक्षितजी घी खाने के फायदे
- » गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती हैं, ये दुनिया की सारी दवाइयों से तेज असर दिखाता हैं।
- » गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना आपरेशन के ठीक हो जाता हैं।
- » नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती हैं और दिमाग तरों ताजा हो जाता हैं।
- » गाय का घी नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती हैं, __याददाश्त तेज होती हैं। > गर्भवती माँ को गौ माँ का घी अवश्य खाना चाहिए, इससे गर्भ में पल रहा शिशु बलवान, पुष्ट और बुद्धिमान होता हैं।
- » दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होती हैं।
- » जिस व्यक्ति को बहुत हार्ट ब्लाकेज की तकलीफ हैं और चिकनाई खाने की मना किया गया हो, तो गाय का घी खाएं, हार्ट ब्लाकेज दूर होता हैं।
- » देशी घी के प्रयोग से नाक से पानी बहना, नाक की हड्डी बढ़ना तथा खरटि बूंद हो जाते हैं।
- » सर्दी जुकाम होने पर गाय का घी थोड़ा गर्म कर 2-2 बूंद दोनों नाम में डाल कर सोयें।
- » अच्छी नींद के लिए, माइग्रेन और खटि से निजात पाने के लिए __ भी उपरोक्त विधि अपनाएँ।
- » गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता हैं।
- » गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती हैं।
- » गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता हैं।
- > 20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा
- कम हो जाता हैं।
- » गाय का घी नामक में डालने से कान का पर्दा बिना ऑपरेशन के ___ ही ठीक हो जाता हैं।
- » नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती हैं और दिमाग
- तारो ताजा हो जाता हैं।
- » गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नए
- बाल भी आने लगते हैं।
- » गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती हैं.
- याददाश्त तेज होती हैं।
- » हाथ पाव में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करें
- जलन ठीक होता हैं।
- » हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए,
- हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
- » गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की
- शिकायत कम हो जाती हैं।
- » गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता हैं और शारीरिक व मानसिक
- ताकत में भी इजाफा होता हैं।
- » गाय के पुराने घी बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से ___कफ की शिकायत दूर हो जाती हैं।
- » अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच
- गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
- » हथेली और पांव के तलवों में जलन होने पर गाय के घी की
- मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
- » गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता हैं और इस
- बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता हैं। > जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने
- की मनाही हैं तो गाय का घी खाएं हृदय मजबत होता हैं।
- » देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती हैं। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता हैं।
- » संभोग के बाद कमजोरी आने पर एक गिलास गर्म दूध में एक
- चम्मच देसी गाय का घी मिलाकर पी लें। इससे थकान बिल्कुल
- कम हो जाएगी। > फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता हैं। गाय
- के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चों के बलगम को बाहर निकालने में सहायक होता हैं।
- इसे भी पढे़ -स्वस्थ रहने के 10 नियम :-राजीव दिक्षित
- » सांप के काटने पर 100-150 ग्राम घी पिलायें ऊपर से जितना
- गुनगुना पानी पिला सके पिलायें जिससे उल्टी और दस्त तो
- लगेंगे ही लेकिन सांप का विष कम हो जायेगा।
- » दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन
- दर्द ठीक होता हैं। सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो. तो गाय के घी की पैरो के तलवे पर मालिश करें, सर दर्द ठीक हो
- जाएगा।
- » यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता
- हैं। वजन भी नही बढ़ता, बल्कि वजन को संतुलित करता हैं। यानी के कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता हैं, मोटे व्यक्ति का
- मोटापा कम होता हैं। - एक चम्मच गाय का शुद्ध घी में एक चम्मच बुरा और 1 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आँखों की ज्योति बढती हैं।
- » गाय के घी को ठंडे जल में फेट ले और फिर घी को पानी से
- अलग कर लें यह प्रक्रिया लगभग सौ बात करें और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता हैं जिसे जिसे त्वचा संबंधी हर चर्म रोगों में चमत्कारिक मरहम कि तरह से इस्तेमाल कर
- सकते हैं। यह सौराइशिस के लिए भी कारगर हैं। - गाय का घी एक अच्छा (LDC) केलेस्ट्रॉल हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल के
- रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहत अच्छा टॉनिक भी हैं। अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदे दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ)
- को संतुलित करता हैं।
- शरीर में वात ,पित,कफ के लक्षण-राजीव दिक्षित
- » घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी
- शक्कर(बूरा) तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बाँध लें। प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा कुनकुना दूध घुट-घुट करके पीने से स्त्रियों के
- प्रदर रोग में आराम होता हैं, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता हैं।
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