खाटू श्याम इतिहास : कृष्ण ने क्यु लिया था बर्बरिक का दान में शीश


इसी बर्बरीक का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में है जहाँ उनकी बाबा श्याम के नाम से पूजा होती है।


 बर्बरीक भीम का पोता और घटोत्कच का पुत्र था। बर्बरीक को कोई नहीं हरा सकता था क्योंकि उसके पास कामाख्या देवी से प्राप्त हुए तीन तीर थे, जिनसे वह कोई भी युध् जीत सकता था। पर उसने शपथ ली थी की वह सिर्फ कमज़ोर पक्ष के लिये ही लड़ेगा। अब चुकी बर्बरीक जब वहां पहुंचा तब कौरव कमजोर थे इसलिए उसका उनकी तरफ से लड़ना तय था। जब यह बात श्री कृष्ण को पता चली तो उन्होंने उसका शीश ही दान में मांग लिया। तथा उसे वरदान दिया की तू कलयुग में मेरे नाम से जाना जाएगा। इसी बर्बरीक का मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में है जहाँ उनकी बाबा श्याम के नाम से पूजा होती है।


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