Rajiv Dixit Ayurved :प्रमुख स्त्री रोग का इलाज
महिलाओं के शरीर की आंतरिक रचना पुरूषां से एकदम अलग होती है और काफी जटिल होती हैं। इसलिए महिलाओं में कुछ विशेष रोग होते हैं जो पुरूषों में नही होते। क्योंकि महिलाओं को इन सब रोगों के बारे में चर्चा करने में संकोच होता हैं।
- महिलाओं की योनि से सफेद रंग का तरल पदार्थ निकलना 'श्वेत प्रदर' कहलाता हैं। यह कभी भी निकलता रहता हैं तथा काफी दुर्गध पूर्ण रहता हैं। इसकी वजह से शरीर में दर्द रहता हैं और शरीर दुर्बल भी होता जाता हैं।
- • प्रातः काल पके केलों का सेवन करें और दूध में 2 चम्मच शहद
- मिलाकर पीने से काफी आराम मिलता हैं। • बड़ के पत्तों का दूध, मिश्री के साथ लेने पर तथा उसके बाद गाय
- का दूध लेने से यह रोग ठीक हो जाता हैं। आँवले के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से श्वेत प्रदर में लाभ होता हैं। • सूखा आँवला+मुलहठी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनायें और
- सुबह शाम शहद के साथ चाटें उसके बाद गाय का दूध पीयें।
- रक्त प्रदर लौकी के बीजों को छीलकर घी में भनें और मिश्री डालकर हलवा बनायें। प्रातः काल खाली पेट खायें लाभ होगा। 1 चम्मच अशोक की जड़ का चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त प्रदर में आराम मिलता हैं। अशोक की छाल 100 ग्राम तथा सफेद चंदन, कमल का फूल, आतिस, आँवला, नागरमोथा, जीरा, चिते की छाल 50-50 ग्राम लेकर बारीक पावडर बनायें अब 10 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर चाटें।
- अरहर के पत्तों का रस पानी में घोलकर पीयें।
- *मासिक धर्म की अनियमितता मैथी, गाजर और मूली के बीजों को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसें तथा 1 चम्मच चूर्ण को अशोकारिष्ट, के साथ नियमित पीयें,
- अनियमितता ठीक हो जायेगी। • लाल गुड़हल के फलों को कांजी के साथ पीसकर पीयें।
- आम की सुखी पत्तियाँ आग में जलाकर पावडर बनायें और पानी में घोलकर पीयें बीमारी में लाभ मिलेगा। तेजपात का काढ़ा पीने से काफी लाभ होता हैं।
- *मासिक धर्म की अधिकता • धनिये का काढ़ा बनायें और छानकर पिलायें।
- जामुन की हरी ताजी छाल को सूखाकर पावडर बनालें सुबह
- शाम गाय के दूध में एक चम्मच मिलाकर पीयें। • असगंध के चूर्ण को मिश्री मिलाकर पानी के साथ लेने से मासिक
- धर्म में आने वाले खून में कमी आयेगी।
- * बांझपन ढाक के पत्तों का रस गाय के दूध में मिलाकर पीने से लाभ मिलेगा। गर्भ ठहरने के बाद भी ढाक के पत्ते दूध में पीसकर पीने
- से ओजस्वी संतान की प्राप्ति होती हैं। • गाय के दूध में नागकेसर चूर्ण मिलाकर पीने से स्त्रियां जल्दी
- गर्भवती होती हैं। नागकेसर और सुपारीपाक चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर नित्य सेवन करें।
- गाय के गोबर और गोमूत्र एक ऐसी विशिष्ट दवा हैं जो इस प्रकार के आपात अवस्था में देने पर फौरन अपना प्रभाव उत्पन्न करती हैं चाहे डॉक्टर कितना ही चिल्लाये आप किसी देशी बछडी का गोमत्र और गोबर लेकर आपस में मिलाइये और उसका रस निकाल कर माँ को चार चार घंटे के अंतर में 3 बार पिला दीजिए पेट में उल्टा बच्चा भी सीधा हो जाता हैं और बिना किसी दर्द बच्चा बाहर आ जाता हैं लेकिन ये दवा 9 महीना पूरा होने के बाद होने वाले प्रसव में ही काम आती हैं उससे पहले ये अगर बच्चा 7-8 महीने में होता हैं तो ये दवा इतना काम नही करती
- ये रुकी हुई प्रसव पीड़ा को पुनः प्रारंभ करती हैं, शिशु जन्म को सरल बनाती हैं, तथा गर्भ में शिशु की स्थिति को भी पुनः सही कर देती हैं।
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