गाँव के जीवन की छोटी सी झलक -indian Village Lifestyle Hindi
शादी में डोंगा सिस्टम, बफेट सिस्टम खाने में वो आनंद कहाँ जो पंगत में आता था
- पहले जगह रोकना, फिर बिना फटे पत्तल दोनों को छांटना, उतारे हुए जूते चप्पलों पर नजर रखना
- फिर पत्तल पे ग्लास रखकर उसे उड़ने से रोकना
- नमक रखने वाले को जगह बताना यहां रखो नमक साथ में सब्जी देने वाले को गाइड करना कि सब्जी देनी है या तरी तरी
- मुँह बड़े से टूक से भरा है तो उँगलियों से इशारे करते हुए दो-दो लड्डू और गुलाब जामुन रखवा लेना, साथ में पूड़ियाँ गरम गरम और छाँट छाँट के रखवाना
- पीछे वाली पंगत में झांक के देखना कि वहाँ क्या क्या आ गया और अपने इधर और क्या बाकी है, जो बाकी है उसके लिए आवाज लगाना
- बगल में बैठे फूफाजी के पत्तल में जबरदस्ती पूडी रखवाना
- रायते वाले को दूर से आता देख फटाफट रायते को पी डालना
- पहले वाली पंगत कितनी देर में उठेगी, उसके हिसाब से बैठने की पोजीशन बना लेना और आखिर में पानी वाले को खोजना
- खाने के बाद अगर शंका हो की पेट अभी भी नहीं भरा या कोई आइटम छूट गया तो अगली पंक्ति के कोने में फिर से बैठ जाना
इसमें न केवल भरपूर आनंद मिलता था बल्कि सामाजिकता बढ़ती थी, भेद भाव मिटता था
इसके अलावा अपनों को जानने समझने का मौका भी मिलता था इस भागते जीवन में
हमारे बड़े बूढों ने हर चीज कुछ सोच समझ कर ही बनाई थी
हमारे पुरखों को प्रणाम
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